25 नवंबर 2025 - 11:45
सूडान सेना की अमेरिका को दो टूक, बाहरी शक्तियों को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं 

सूडान के सेना प्रमुख और संप्रभु परिषद के मुखिया जनरल अब्दुल फत्ताह अल-बुरहान ने अमेरिका के चार-ध्रुवीय प्रस्ताव को सख्त शब्दों में खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना पक्षपाती, खतरनाक और सूडान को बांटने की खुली साज़िश है।
अरबी मीडिया के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि जनरल बुरहान ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधियों को कड़ा संदेश भेजने का फैसला किया। यह संदेश अमेरिकी राष्ट्रपति के अफ्रीकी मामलों के सलाहकार मुसअद बोलोस के माध्यम से वॉशिंगटन पहुंचाया गया।
बुरहान ने कहा कि अगर यूएई इस समूह का हिस्सा है तो सूडान किसी भी हालत में इस चार-ध्रुवीय समूह को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यूएई खुले तौर पर बागी मिलिशिया की मदद कर रहा है।
उन्होंने बोलोस के उस दावे को भी झूठ बताया जिसमें कहा गया था कि ‘इख़वानुल मुस्लिमीन’ का सूडानी सेना में असर है।
बुरहान ने अमेरिकी योजना को अब तक का सबसे खराब प्रस्ताव कहा, क्योंकि इसमें सेना की भूमिका को खत्म करने और सुरक्षा संस्थाओं को भंग करने की मांग की गई है, जबकि बागी मिलिशिया को अपने कब्ज़े वाले इलाकों में रहने की छूट दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी दूत ने सूडानी सरकार पर मानवीय सहायता रोकने और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल जैसे झूठे आरोप लगाए, जिनका हकीकत से कोई संबंध नहीं।
जनरल बुरहान के अनुसार, सूडानी सेना शांति की विरोधी नहीं, लेकिन किसी बाहरी शक्ति को देश पर शर्तें थोपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक बागी पूरी तरह खत्म नहीं हो जाते।
सूडानी नेता ने जनता से अपील की कि वे बाहरी दबाव और साज़िशों के खिलाफ एकजुट रहें।

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